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यात्रा वृतांत
कुछ साल पहले, मैं अपने पिता और दादा के साथ “ ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क” गया था। यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है। यह पार्क एक विश्व धरोहर है। हमने यात्रा का आरंभ चंडीगढ़ से गाड़ी के माध्यम से किया। आसपास का नज़ारा बहुत सुंदर था। कुछ घंटो के बाद हम बिलासपुर पहुंचे। वहाँ हमने थकान के कारण विश्राम करने का फैसला लिया। अगली सुबह हम आगे की यात्रा पर निकल पड़े। रास्ता घुमावदार होता चला गया। कुछ शहरों को पार करके हम तीर्थन घाटी पहुंचे। कुछ मार्ग दर्शकों के साथ हमने पैदल यात्रा आरंभ की । पानी, खाना और दवाइयाँ हमारे साथ थी। दूर से हिमालय की बर्फ़ीली चोटियाँ नज़र आ रही थीं। फिर हम तीर्थन नदी पहुंचे। यहाँ हज़ारों तरह की वनस्पति एवं प्राणी जातियां देखने को मिलती हैं। घाटी में देवदार और बलूत वृक्षों के बीच हमने ट्रैकिंग की । ऐसे मन-मोहक स्थान पर कुछ दिन बिता-कर हम अपने घर सुरक्षित लौट गए।
अबीर भंडारी
५ कान्हा
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यात्रा वृत्तांत - मनाली की यात्रा
मनाली मेरा सबसे प्रिय पर्यटन स्थल है | मनाली की ८-१० घंटे की लंबी यात्रा भी मुझे बिलकुल नहीं थकाती | रास्ते में आने वाले सुंदर पहाड़, नदियाँ, हरियाली देखते-देखते ही रास्ता पार हो जाता है | पिछली सर्दी की छुट्टियों में मैं सपरिवार मनाली गया था | हर बार की तरह हमने रास्ते में बहुत मौज-मस्ती की | गाडी में अपने भाई-बहनों के साथ खेला| जगह-जगह गाड़ी रोककर तस्वीरें खींची| जल्द ही हम मनाली पहुँच गए |
वहाँ पहुँचते ही मैं मनाली घूमने के लिए उतावला था पर मुझे सुबह तक इंतज़ार करना पड़ा | सुबह उठते ही हम हाईकिंग के लिए निकल पड़े | हाईकिंग करते समय इतनी इतनी ठंड में भी मेरे पसीने छूट गए | कुछ क्षण विश्राम करने के बाद हमने पैराग्लाइडिंग भी की | हवा में उड़कर मुझे परिंदे जैसा अनुभव हो रहा था | मनाली में हमारा पहला दिन बहुत जोशीला था |
अगले दिन ठंड अधिक थी| अतः हमने होटल में ही रहने का निर्णय किया | मैं अपने पापा के साथ लॉन टेनिस खेल रहा था| तभी बारिश ने रंग में भंग डाल दिया | फिर मेरे जिद्द करने पर हम सब अपने कमरे में ताश खेलने लगे | मेरे पापा मेरी कोई बात नहीं टालते क्योंकि मै उनकी आँखों का तारा हूँ | शाम को होटल के लॉन में बॉन फायर का इंतजाम किया गया | हम सबने खूब नृत्य किया और स्वादिष्ट खाना खाया |
अगले दिन मैं बहुत उदास था क्योंकि यह हमारा मनाली में आखिरी दिन था |लेकिन जब मैंने खिड़की से बाहर देखा तो मेरे होश उड़ गए | बाहर बर्फ़ पड़ रही थी | मेरी सारी उदासी छू मंतर हो गई | हम बर्फ़ के गोले बनाकर खूब खेले | बर्फ़बारी ने हमारी ख़ुशी में चार चाँद लगा दिए और हमारी इस यात्रा को यादगार बना दिया |
आरव तांतिया
५ कॉर्बेट